बचपन से सुना करते थे कि ऊपर वाले के यहाँ देर है अंधेर नहीं ! लेकिन देश के मौजूदा सड़े हुए तंत्र में जिस तरह से आम जनता का भरोसा उठ गया है वह भी एक गंभीर समस्या ही है. समीउद्दीन नीलू उत्तर प्रदेश के लखीमपुर ज़िले में विगत एक दशक से ज़्यादा समय से हिंदी दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला में बतौर संवाददाता अपनी सेवा कर रहें हैं. शीर्षकान्तर न हो इसलिए मैं यह बताना चाहूँगा कि कैसे मेरे भाई को यूपी की बल्कि लखीमपुर-खीरी की एस पी 'पद्मजा' ने अपने सरकारी पॉवर का दुरुपयोग करते हुए मानवता के क्रूरतम, तंत्र के दुष्टतम कृत्य को मात्र अपने गलत व समाज विरोधी कार्यों को छिपने के उद्देश्य से, जान से मारने की कोशिश (एनकाउन्टर) की और अपने नीचे कार्य करने आले पुलिस वालों की सहायता के ज़रिये उन्हें वन्य जीव अधिनियम के केस में फ़र्ज़ी तरीक़े से जेल भिजवा दिया.
लेकिन कहते हैं कि सांच को आंच नहीं, बस कुछ ऐसा ही हुआ. लखनऊ मंडल और बरेली मंडल में वकीलों, किसानों, मजदूरों, पत्रकारों और हाकरों द्वारा किये गए जन-आन्दोलन के चलते प्रशासन के बालों में जूं रेंगी और उन्हें लगभग 9 दिन जेल में रहने के बाद राहत नसीब हुई. मैं जब उनसे मिलने जेल गया था (मैं जेल ही पहली मर्तबा गया था) वहां कैदियों की हालत देख मेरे तो रोये खडे हो गए. अपने भाई को जेल में इस तरह बंद देख मैं खूब रोया. मेरे सबसे छोटे चाचा जो कि पीलीभीत बार एसोशियेशन के अध्यक्ष है अपने सहयोगी वकीलों के साथ उन्हें देखने आये. इस तरह से उन्हें लगभग 9 दिनों के बाद प्रशासन ने जेल से रिहा करने के निर्देश दे दिए. मामला विधान सभा और विधानं परिषद् में भी उठा....
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भाई आखिर संघर्ष रंग लायी आपके इस लम्बे संघर्ष को मै सलाम करता हूँ मै यह महसूस कर सकता हूँ की कितनी पीड़ा हुई होगी आपको? इन अधिकारों को पाने के लिए जो भी संघर्ष करना पड़ा सचमुच तारीफ ए काबिल है आपने लाखों लोगो में संघर्ष करने की एक उम्मीद जगाई है ......
जवाब देंहटाएंबेशक बजा!!!उस लाठी का भी स्वाद लोग समझते तो हैं लेकिन बताने से परहेज़ करते हैं.
जवाब देंहटाएंaap ke sath kafi jayatatee huyee hai is tareke se sngarsh karate rahe
जवाब देंहटाएंSangharsh ke baad yadi uska phal milta hai to bahut khushi hoti hai.
जवाब देंहटाएंAapka sangharsh rang laya, bahut achha laga..
Bahut shubhkamnyen
sach ki jai ho........
जवाब देंहटाएंvery good blog, congratulations
जवाब देंहटाएंregard from Reus Catalonia
thank you
संघर्ष ही जीवन है ।
जवाब देंहटाएंआखिर संघर्ष रंग लायी
जवाब देंहटाएंvery nice blog..
जवाब देंहटाएंmere naye blog par aapka sawagat hai..apna comment dena mat bhooliyega...
http://asilentsilence.blogspot.com/
to aap kab likh rahee hain shre nagak ke pattarav karne valon ke samarthan me lekh ????
जवाब देंहटाएंbahut achha
जवाब देंहटाएंआदरणीय स्वजन , सादर प्रणाम
जवाब देंहटाएंआपके बारे में हमें "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" पर शिखा कौशिक व शालिनी कौशिक जी द्वारा लिखे गए पोस्ट के माध्यम से जानकारी मिली, जिसका लिंक है...... http://www.upkhabar.in/2011/03/jay-ho-part-2.html
इस ब्लॉग की परिकल्पना हमने एक भारतीय ब्लॉग परिवार के रूप में की है. हम चाहते है की इस परिवार से प्रत्येक वह भारतीय जुड़े जिसे अपने देश के प्रति प्रेम, समाज को एक नजरिये से देखने की चाहत, हिन्दू-मुस्लिम न होकर पहले वह भारतीय हो, जिसे खुद को हिन्दुस्तानी कहने पर गर्व हो, जो इंसानियत धर्म को मानता हो. और जो अन्याय, जुल्म की खिलाफत करना जानता हो, जो विवादित बातों से परे हो, जो दूसरी की भावनाओ का सम्मान करना जानता हो.
और इस परिवार में दोस्त, भाई,बहन, माँ, बेटी जैसे मर्यादित रिश्तो का मान रख सके.
धार्मिक विवादों से परे एक ऐसा परिवार जिसमे आत्मिक लगाव हो..........
मैं इस बृहद परिवार का एक छोटा सा सदस्य आपको निमंत्रण देने आया हूँ. यदि इस परिवार को अपना आशीर्वाद व सहयोग देने के लिए follower व लेखक बन कर हमारा मान बढ़ाएं...साथ ही मार्गदर्शन करें.
आपकी प्रतीक्षा में...........
हरीश सिंह
संस्थापक/संयोजक "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" www.upkhabar.in/