पिछले पखवारे हमने अपने इस ब्लॉग पर विनायक सेन के पत्नी का साक्षात्कार पोस्ट किया था आप जानते ही है कि विनायक जेल में है विगत १४ मई को उनके कारावास के दो साल पूरे हुए. इस मौके पर पूरी दुनिया में इनकी रिहाई की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन हुए यह कितने शर्म की बात है कि एक तरफ पूरा देश विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के गठन में व्यस्त है वही देश से बाहर सैकडों मानवाधिकार कार्यकर्त्ता हमारे ही देश के एक डॉक्टर के मानवाधिकार हनन को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे | आप जो यह तस्वीर देख रहे है यह लन्दन, बोस्टन में भारतीय दूतावास के बाहर हाथ में तख्तियां लटकाए मानवाधिकार कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी,चिकित्सकों का मजमा है जो विनायक सेन के रिहाई को लेकर अपना विरोध जता रहे है . चिकित्साजगत के प्रतिष्ठित जोनाथन अवार्ड से सम्मानित किये गए डॉक्टर सेन नक्सलियों के साथ मिलकर काम करने के आरोप में छत्तीसगढ़ स्टेट पब्लिक सेक्युरिटी एक्ट के तहत पिछले २ साल से जेल में बंद है पीपुल यूनियन ऑफ़ सिविल लिबर्टी के इस सदस्य की गलती यही थी की छत्तीसगढ़ के सुदूर पिछडे इलाके में गरीबो के जागरूक करने का प्रयास कर रहे थे हाल ही में अपने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी आर कृष्ण अय्यर ने डा विनायक मामले में प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह को 17 अप्रैल को पत्र लिखकर कहा थाः ‘मै आपका ध्यान उस गंभीर अन्यायपूर्ण मामले की ओर आकर्षित करना चाहता हूं जो भारतीय लोकतंत्र के लिये शर्मनाक है।’ क्या अ़ब भी कुछ कहने के लिए बाकी है जनाब ..........जब सुप्रीम कोर्ट के जज यह कह चुके की यह घोर अन्याय है ????? कुछ तो जवाब दे जस्टिस अय्यर के पत्र का ? माननीय प्रधानमंत्री जी??????
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
shame,shame,shame
जवाब देंहटाएंछत्तीसगढ़ सरकार नक्सलियों से प्रदेश को मुक्त नहीं करा सकी। नक्सली अब राजधानी रायपुर के नजदीक तक वार कर रहे हैं। जनता परेशान है। वहाँ भी जहाँ नक्सली राज है और वहाँ भी जहाँ छत्तीसगढ़ की सरकार का राज चलता है। नक्सलियों से निपटने के नाम पर छत्तीसगढ़ सरकार ने बस इतना किया है कि एक चिकित्सक को जो कि नक्सली इलाकों में जहाँ सरकार चिकित्सा सुविधाएं नहीं पहुँचा पा रही थी वहाँ चिकित्सा के साथ साथ जनतांत्रिक मूल्यों से जनता को शिक्षित कर रहा था, एक गैर जनतांत्रिक और वैयक्तिक स्वतंत्रता के मूल्यों की हत्या करने वाला कानून बना कर गिरफ्तार कर लिया। न्यायालय चाहते हुए भी जमानत नहीं ले सकता। कानून में न्यायालय को क्षेत्राधिकार ही सीमित है।
जवाब देंहटाएंडा. बिनायक सेन को गिरफ्तार कर जेल में बंद रखना छत्तीसगढ़ सरकार के लिए एक बहुत बड़ा अभिशाप साबित होगा।
जल्द ही कुछ कार्यवाही की उम्मीद कर सकते हैं हम सब.
जवाब देंहटाएंहमारी बहन शर्मीला के टेक्निकल सपोर्ट के लिए मदद करने का इच्छुक हूँ. कृपया सेवा का मौक़ा दें-- MAIL ME AT "swachchhsandesh@gmail.com" हमारे ब्लॉग पर पधारें स्वच्छ्संदेश.ब्लागस्पाट.कॉम http://swachchhsandesh.blogspot.com
जवाब देंहटाएंसेवार्थी
सलीम खान
आपके आन्दोलन में अधिक से अधिक लोग जुडें इसके लिए आप अपने ब्लॉग से टिपण्णी करते वक़्त जो word verification आता है, हटा दें. बहुत से लोग टिपण्णी करने अगर असुविधा हो तो टिपण्णी करने से गुरेज़ करते हैं....
जवाब देंहटाएंसलीम खान
डा. विनायक सेन को गिरफ्तार करने के पीछे की राजनीति ज्यादा साफ और नंगी होती जा रही है। जनतांत्रिक मूल्यों में आस्था रखने वाली इस देश की जनता इस राजनीति को उसके हश्र पर एक दिन पहुंचा देगी।
जवाब देंहटाएंमानवाधिकार और बुद्धिजीवी की बात से ही मुझे इक गन्दी बदबू आती है.
जवाब देंहटाएंकृपया उनके नाम की दुहाई ने दें.
मानवाधिकार और बुद्धिजीवी कहना और बनना बस इक फैशन है.
मुझे डॉक्टर के बारे में ज्यादा पता नहीं है, इसलिए कुछ नहीं कहूँगा. पर अगर कोई डॉक्टर गाँव में जाकर गरीबों का इलाज़ करे तो वो जरुर पूज्य है. पर ये कार्य अगर किसी हिडेन एजेंडा के तहत किया जाये तो ये गलत है.
आप समझ गए होंगे मेरा इशारा.
bahut hi gambhir baat hai.
जवाब देंहटाएंvikrant ji ki baat se sahmat hun
... बेहद संवेदनशील विषय पर प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!!!
जवाब देंहटाएंसलीम भाई आदाब
जवाब देंहटाएंविनायक सेन की आजादी पर जिंदाबाद.... अंततः संघर्ष रंग लाया...और विनायक सेन जी को आजाद करना ही पड़ा फासीवादी छत्तीसगढ़ सरकार...